बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक वीडियो सामने आने के बाद राजनीतिक हलकों में तीखी बहस छिड़ गई है। वीडियो में कथित तौर पर हिजाब खींचने की घटना को लेकर विपक्ष और सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हो रही है। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार निशाने पर हैं। इसी बीच बीजेपी की विधायक और जानी-मानी लोक गायिका मैथिली ठाकुर की प्रतिक्रिया सामने आई है, जिसमें उन्होंने बेहद संयमित और संतुलित रुख अपनाया है।
हिजाब विवाद पर सवाल पूछे जाने पर मैथिली ठाकुर ने साफ कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री स्वयं जो भी कहेंगे, वही सबसे ज्यादा सटीक और स्पष्ट होगा। उन्होंने विवाद पर कोई सीधी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। मैथिली ठाकुर ने कहा, “माननीय मुख्यमंत्री जी इस पर खुद से जो बोलेंगे, वही ज्यादा सटीक जानकारी होगी। जो लोग फोन पर ये वीडियो देखते हैं, जो जैसा सोचता है, वो वैसा समझता है। इसलिए मैं इस पर कुछ नहीं कहना चाहूंगी।” उनके इस बयान को राजनीतिक शिष्टाचार और जिम्मेदारी से भरा हुआ माना जा रहा है।
मैथिली ठाकुर की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है, जब बिहार की राजनीति में बयानबाजी तेज हो गई है और हर दल इस मुद्दे पर अपनी-अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने की कोशिश में जुटा है। विपक्ष जहां मुख्यमंत्री पर सवाल उठा रहा है, वहीं सत्तापक्ष के नेता मामले को संदर्भ से जोड़कर देखने की बात कह रहे हैं।
अलीनगर का नाम बदलने के सवाल पर क्या बोलीं मैथिली ठाकुर?
हिजाब विवाद के अलावा मैथिली ठाकुर से अलीनगर का नाम बदलने को लेकर भी सवाल किया गया। इस पर उन्होंने विकास और पहचान को प्राथमिकता देने की बात कही। मैथिली ठाकुर ने कहा, “हर एक काम धीरे-धीरे चलते जा रहा है। मैं यह चाहती हूं कि सीता नगर नाम के साथ वह जगह भी सीता नगर जैसी लगे।” उन्होंने साफ किया कि नाम बदलना तभी सार्थक होगा, जब उस स्थान का विकास भी उसी स्तर का हो।
उन्होंने आगे कहा कि विकास की जो प्रगति चल रही है और उनकी जो नई राजनीतिक यात्रा है, उसमें नाम के अनुरूप सार्थक बदलाव उनका लक्ष्य है। मैथिली ठाकुर के अनुसार, उनका ध्यान एक साथ दो चीजों पर है—एक ओर विकास और दूसरी ओर उस विकास को जमीन पर उतारना। उन्होंने कहा कि हर काम को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा, ताकि लोगों को वास्तविक लाभ मिल सके।
विधायक बनने के एक महीने का अनुभव
विधायक बने अभी एक महीना पूरा होने पर मैथिली ठाकुर ने अपने अनुभव भी साझा किए। उन्होंने कहा कि उन्हें यह जिम्मेदारी निभाकर बेहद अच्छा लग रहा है। मैथिली ठाकुर ने बताया कि वह महिला और बाल विकास समिति की सदस्य बन चुकी हैं और इस दायित्व को गंभीरता से समझने और निभाने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने कहा, “दायित्व है, धीरे-धीरे बढ़ रहा है, समझ आ रहा है और अच्छा लग रहा है।”
एक कलाकार से जनप्रतिनिधि बनने तक की उनकी यात्रा को लेकर भी लोगों में खास दिलचस्पी है। मैथिली ठाकुर ने माना कि राजनीति उनके लिए एक नई दुनिया है, लेकिन वह इसे सेवा के अवसर के रूप में देखती हैं।
सात निश्चय के तहत समस्याओं का समाधान
मैथिली ठाकुर ने आगे कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने लोगों की जो समस्याएं सुनी थीं, उनका समाधान “सात निश्चय” के तहत किया जाएगा। उन्होंने इसे सभी लोगों के लिए एक अच्छी पहल बताया। उनके मुताबिक, यह सकारात्मक संकेत है कि जनता की समस्याओं पर तुरंत काम किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “मैं एक विधायक के रूप में इस बात का खास ध्यान रखूंगी कि सभी योजनाएं जमीन पर लागू हों और लोगों को उनका पूरा लाभ मिले।” मैथिली ठाकुर का यह बयान साफ करता है कि वह सिर्फ बयानबाजी तक सीमित नहीं रहना चाहतीं, बल्कि जमीनी स्तर पर काम करने की इच्छा रखती हैं।
कुल मिलाकर, जहां एक ओर नीतीश कुमार के वीडियो को लेकर बिहार की राजनीति में उबाल है, वहीं मैथिली ठाकुर ने संतुलन और संयम का रास्ता चुना है। उनके बयानों से यह संकेत मिलता है कि वह विवादों से दूरी बनाकर विकास और जनहित के मुद्दों पर फोकस करना चाहती हैं।