सोशल मीडिया के दौर में फर्जी सूचनाएं तेजी से फैलती हैं, और राजनीतिक माहौल में यह और भी आम हो जाता है। हाल ही में कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के खिलाफ बयान दिया है। लेकिन हमारी फैक्ट चेकिंग में यह बात पूरी तरह से झूठी और भ्रामक साबित हुई।
📌 क्या है वायरल दावा?
15 जुलाई 2025 को फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर एक वीडियो तेजी से वायरल होने लगा, जिसमें यूजर्स का दावा था कि कन्हैया कुमार अब राहुल गांधी के खिलाफ बोलने लगे हैं। एक फेसबुक यूजर ने लिखा:
"ये राहुल गांधी को क्यों गरिया रहे हैं कन्हैया कुमार? पार्टी बदलने वाले हैं क्या? अब राहुल गांधी भी समझ गए होंगे... हर लाल झंडा वाला वफादार नहीं होता!"
इस वीडियो को राजनीतिक साजिश और पार्टी में फूट का संकेत मानते हुए कई यूजर्स ने शेयर किया। लेकिन जब हमने इसकी सच्चाई की जांच की, तो पूरी तस्वीर कुछ और ही निकली।
🔍 फैक्ट चेक: वीडियो का सच क्या है?
फैक्ट चेक की प्रक्रिया में हमने सबसे पहले वायरल वीडियो के कीफ्रेम (frame) को निकालकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया। इस खोज के दौरान हमें एक 28 जुलाई 2023 को प्रकाशित यूट्यूब वीडियो मिला, जो Navbharat Times के आधिकारिक चैनल पर मौजूद था।
इसके बाद हमने हिंदुस्तान टाइम्स की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट का अध्ययन किया, जो उसी तारीख यानी 28 जुलाई 2023 की थी। उस रिपोर्ट में भी यह वीडियो शामिल था। वहां यह स्पष्ट बताया गया था कि यह वीडियो बेंगलुरु में आयोजित भारतीय युवा कांग्रेस के एक कार्यक्रम का है।
उस कार्यक्रम में कन्हैया कुमार ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की विचारधारा और नीतियों के खिलाफ तीखा भाषण दिया था। राहुल गांधी या कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की थी।
🧾 विडियो का वर्तमान संदर्भ कैसे बना विवादास्पद?
9 जुलाई 2025 को पटना में विपक्षी दलों के महागठबंधन द्वारा आयोजित बिहार बंद के दौरान राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने एक रैली की थी। इस दौरान खबरें आईं कि कन्हैया कुमार और पप्पू यादव को उनके साथ मंच साझा करने से रोका गया।
इसी घटना के बाद सोशल मीडिया पर पुराने वीडियो को नया रंग-रूप देकर वायरल किया गया और यह दिखाने की कोशिश की गई कि कन्हैया अब राहुल गांधी से नाराज़ हैं और पार्टी छोड़ने वाले हैं।
लेकिन यह सिर्फ एक राजनीतिक अफवाह थी, जिसमें दो साल पुराना वीडियो काट-छांटकर गलत संदर्भ में पेश किया गया।
सोशल मीडिया यूजर्स के लिए चेतावनी
इस घटना से एक बार फिर यह स्पष्ट हो गया है कि सोशल मीडिया पर बिना जांचे-परखे किसी भी वीडियो या खबर पर भरोसा करना खतरनाक हो सकता है। खासतौर पर चुनावी माहौल या राजनीतिक उठापटक के समय जानबूझकर भ्रामक सूचनाएं फैलाई जाती हैं, जिससे किसी की छवि को नुकसान पहुंचाया जा सके।
निष्कर्ष: क्या दावा सही है?
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दावा: कन्हैया कुमार ने राहुल गांधी पर हमला बोला।
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सच्चाई: वीडियो जुलाई 2023 का है और उसमें उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधा था, राहुल गांधी का कोई जिक्र नहीं किया।
हमारी फैक्ट चेकिंग के अनुसार, यह दावा पूरी तरह से भ्रामक और झूठा है। वायरल वीडियो पुराना है और उसे गलत संदर्भ में इस्तेमाल किया जा रहा है।
क्या कहता है यह मामला?
यह घटना सिर्फ कन्हैया कुमार या कांग्रेस तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उदाहरण है कि कैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर फेक न्यूज और राजनीतिक प्रोपेगेंडा तेजी से फैलाया जा सकता है। इसीलिए मीडिया साक्षरता और फैक्ट चेकिंग की भूमिका पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई है।