तुर्किये के उत्तर-पश्चिमी हिस्से से एक बड़ी सुरक्षा कार्रवाई की खबर सामने आई है, जहाँ आतंकवादी संगठन ISIL (ISIS) के खिलाफ चलाए गए एक व्यापक अभियान में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है, हालांकि इस दौरान भारी कीमत भी चुकानी पड़ी। तुर्किये के गृह मंत्री अली येरलिकाया ने पुष्टि की है कि इस मुठभेड़ में छह आतंकवादी मारे गए, जबकि देश की सेवा में तीन जांबाज पुलिसकर्मियों ने अपनी जान गंवा दी।
ऑपरेशन की रणनीति और आधी रात की मुठभेड़
तुर्किये के गृह मंत्रालय के अनुसार, यह कार्रवाई केवल एक प्रांत तक सीमित नहीं थी। सुरक्षा बलों ने एक ही रात में देश के 13 अलग-अलग प्रांतों में ISIL के ठिकानों पर कुल 108 छापेमारी की।
सबसे भीषण मुठभेड़ इस्तांबुल के पास स्थित यालोवा प्रांत के एलमालिक गांव में हुई। सोमवार तड़के करीब 2 बजे, जब दुनिया सो रही थी, पुलिस की विशेष टीमों ने एक संदिग्ध घर की घेराबंदी की। जैसे ही सुरक्षा बल घर के भीतर दाखिल हुए, वहां छिपे ISIL आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में छह आतंकी ढेर हो गए, लेकिन इस गोलीबारी में तीन पुलिस अधिकारी शहीद हो गए और आठ अन्य घायल हुए हैं।
[Image showing a high-alert security operation in a residential area at night]
क्यों तेज हुई तुर्की में सैन्य कार्रवाई?
तुर्किये में पिछले कुछ दिनों से आतंकी नेटवर्क के खिलाफ अभियान में तेजी आई है। इसके पीछे मुख्य रूप से दो बड़े कारण हैं:
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त्योहारी सीजन का खतरा: खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली थी कि ISIL के 'स्लीपर सेल' छुट्टियों के दौरान देश में बड़े हमलों की फिराक में हैं। विशेष रूप से गैर-मुस्लिम समुदायों और भीड़भाड़ वाले इलाकों को निशाना बनाने की योजना थी।
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व्यापक नेटवर्क का खुलासा: इससे पहले भी गुरुवार को 124 स्थानों पर छापेमारी कर 115 संदिग्धों को पकड़ा गया था। तुर्किये की सीरिया के साथ लगने वाली लंबी सीमा सुरक्षा के लिहाज से हमेशा चुनौतीपूर्ण रही है, जहाँ 2019 के बाद कई आतंकी शरण लेने की कोशिश करते रहे हैं।
वैश्विक संदर्भ: सीरिया में अमेरिकी एयरस्ट्राइक
दिलचस्प बात यह है कि तुर्किये की इस कार्रवाई के साथ-साथ अमेरिका ने भी सीरिया में ISIL के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मध्य और उत्तर-पूर्वी सीरिया में अमेरिकी सेना ने 70 से अधिक ठिकानों पर हवाई हमले किए। यह कार्रवाई पलमायरा में दो अमेरिकी सैनिकों की मौत के प्रतिशोध के रूप में देखी जा रही है।
सीरिया और इराक के सीमावर्ती इलाकों में ISIL की सक्रियता एक बार फिर वैश्विक सुरक्षा के लिए चिंता का विषय बन रही है, जिसे देखते हुए तुर्किये और अमेरिका जैसी शक्तियां अपने अभियान तेज कर रही हैं।
निष्कर्ष: आतंकवाद के खिलाफ एक निरंतर युद्ध
तुर्किये का कहना है कि वह आतंकवाद के प्रति 'जीरो टॉलरेंस' की नीति अपनाए हुए है। मार्च 2025 से अब तक करीब 300 संदिग्धों की गिरफ्तारी यह दर्शाती है कि सुरक्षा एजेंसियां कितनी मुस्तैद हैं। हालांकि, तीन पुलिसकर्मियों की शहादत देश के लिए एक बड़ी क्षति है, लेकिन गृह मंत्री येरलिकाया ने स्पष्ट किया है कि जब तक आखिरी आतंकवादी का खात्मा नहीं हो जाता, यह अभियान थमेगा नहीं।