पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी और रोपड़ रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) हरचरण सिंह भुल्लर को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने रिश्वत लेने के गंभीर आरोपों में गिरफ्तार किया है। यह हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारी पंजाब के पुलिस महकमे में हड़कंप मचाने वाली है और इसे एक सट्टा (जुए) से जुड़े मामले से जोड़कर देखा जा रहा है। प्रारंभिक तौर पर पंजाब पुलिस की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की गई है, जिससे स्थिति रहस्यमय बनी हुई है। हालांकि, विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर को चंडीगढ़/मोहाली क्षेत्र से सीबीआई की एक टीम ने हिरासत में लिया।
स्क्रैप कारोबारी की शिकायत पर हुई कार्रवाई
सूत्रों के हवाले से यह जानकारी सामने आई है कि डीआईजी भुल्लर की गिरफ्तारी मंडी गोबिंदगढ़ के एक स्क्रैप कारोबारी की शिकायत के आधार पर की गई है। कारोबारी ने डीआईजी पर रिश्वत मांगने या लेने का आरोप लगाते हुए सीबीआई से संपर्क किया था। सीबीआई ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए गोपनीय जांच शुरू की, जिसके बाद बुधवार को यह गिरफ्तारी हुई। हालांकि यह मामला सीधे तौर पर सट्टेबाजी से जुड़ा बताया जा रहा है, लेकिन रिश्वतखोरी का आरोप किसी लंबित मामले को रफा-दफा करने या जांच में अनुचित लाभ पहुँचाने से संबंधित हो सकता है। यह गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है जब पंजाब पुलिस राज्य में कानून व्यवस्था और आपराधिक गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
मोहाली से हिरासत में लिए गए भुल्लर
सीबीआई टीम ने डीआईजी भुल्लर को मोहाली से हिरासत में लिया। हरचरण सिंह भुल्लर पंजाब पुलिस के एक महत्वपूर्ण पद पर कार्यरत थे, जिसके चलते यह कार्रवाई पुलिस और प्रशासनिक गलियारों में व्यापक चर्चा का विषय बन गई है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पर केंद्रीय एजेंसी की कार्रवाई से पुलिस बल की छवि पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
अगली कार्रवाई और जांच का दायरा
गिरफ्तारी के बाद, सीबीआई अब डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर को विशेष अदालत के समक्ष पेश करेगी और मामले की विस्तृत जांच के लिए उनकी रिमांड की मांग कर सकती है। जांच का दायरा केवल रिश्वतखोरी के आरोपों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि सीबीआई यह भी पता लगाएगी कि क्या डीआईजी ने अपनी आधिकारिक स्थिति का दुरुपयोग किया है और क्या इस मामले में कोई अन्य पुलिस अधिकारी या सरकारी कर्मचारी भी शामिल है। सीबीआई के सूत्रों का कहना है कि वे इस मामले में सभी पहलुओं की गहराई से जांच कर रहे हैं, जिसमें सट्टेबाजी रैकेट से डीआईजी के संभावित संबंध और अन्य वित्तीय लेन-देन शामिल हैं। यह गिरफ्तारी दर्शाती है कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई में उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों को भी नहीं छोड़ा है।
राजनीतिक और प्रशासनिक प्रभाव
इस गिरफ्तारी का पंजाब के राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों पर गहरा असर पड़ना तय है। पंजाब सरकार को अब इस मामले में त्वरित कार्रवाई करनी होगी, जिसमें डीआईजी भुल्लर को पद से निलंबित करना या उन्हें अनिवार्य अवकाश पर भेजना शामिल हो सकता है, ताकि जांच निष्पक्ष तरीके से आगे बढ़ सके।