कर्नाटक कांग्रेस में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच सत्ता-साझेदारी (Power Sharing) को लेकर चल रहा घमासान अब किसी से छिपा नहीं है। इस अंदरूनी संकट को अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार कर लिया है। उन्होंने इस जटिल मुद्दे पर चर्चा के लिए सीएम, डीसीएम और अन्य वरिष्ठ नेताओं को दिल्ली बुलाया है।
यह पहली बार है जब कांग्रेस हाईकमान ने आधिकारिक तौर पर कर्नाटक की अंदरूनी समस्या की पुष्टि की है। इस कदम से राज्य में पिछले कई महीनों से चले आ रहे नेतृत्व के गतिरोध को जल्द ही सुलझाए जाने की उम्मीद जगी है।
खरगे ने CM, DCM और नेताओं को दिल्ली बुलाया
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को मीडिया से बातचीत के दौरान यह घोषणा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि:
"मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, डिप्टी CM डीके शिवकुमार और दूसरे नेताओं को चर्चा के लिए दिल्ली बुलाया जाएगा। हाईकमान ने पहली बार ऑफिशियली माना है कि कर्नाटक में कुछ न कुछ समस्या पार्टी को है।"
खरगे ने जोर दिया कि हाईकमान कोई अकेला व्यक्ति नहीं है, बल्कि यह एक टीम है। उन्होंने कहा कि हाईकमान बैठकर चर्चा करेगा और सही फैसला लेगा। इस महत्वपूर्ण मीटिंग में राहुल गांधी भी मौजूद रहेंगे। खरगे ने कहा, "हम चर्चा करेंगे कि आगे क्या करना है और फैसला लेंगे।"
राहुल गांधी का 'इंतजार करें' संदेश
खरगे की यह घोषणा तब आई है जब बुधवार को ही राहुल गांधी ने उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को मैसेज भेजकर "प्लीज इंतजार करें" कहा था। इसके तुरंत बाद, मल्लिकार्जुन खरगे बेंगलुरु आए और उन्होंने राहुल गांधी से फोन पर करीब 25 मिनट तक बातचीत की थी।
पहले खरगे ने केवल यह कहा था कि वे "हाईकमान से बात करेंगे"—जिसमें उन्होंने खुद को, राहुल गांधी को और सोनिया गांधी को शामिल बताया था—और इससे उन्होंने अनौपचारिक रूप से समस्या की मौजूदगी को स्वीकार किया था। लेकिन अब, AICC प्रेसिडेंट ने स्वयं आधिकारिक बयान दिया है कि वह सभी प्रमुख नेताओं को दिल्ली बुलाकर बात करेंगे और 'प्रॉब्लम सॉल्व' करेंगे। माना जा रहा है कि इस सक्रिय हस्तक्षेप के बाद कर्नाटक का मामला जल्द ही सुलझ सकता है।
बीजेपी का 'प्रोपेगैंडा' बनाम कांग्रेस का बचाव
कर्नाटक में कांग्रेस के भीतर मचे घमासान को लेकर बीजेपी लगातार तंज कस रही है। बीते दिन बीजेपी ने अपने सोशल मीडिया पेज पर एक वीडियो भी शेयर किया था, जिसमें कांग्रेस के नेताओं के बीच मतभेद को उजागर किया गया था।
इस पर पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि जो भी अफवाहें चल रही हैं, यह सब बीजेपी का ही प्रोपेगैंडा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग जानबूझकर राज्य सरकार के खिलाफ अफवाहें और प्रोपेगेंडा फैला रहे हैं।
हालांकि, कांग्रेस अध्यक्ष खरगे द्वारा स्वयं समस्या को स्वीकार करना और नेताओं को दिल्ली बुलाना यह दर्शाता है कि यह केवल अफवाह नहीं, बल्कि पार्टी के भीतर का एक गंभीर नेतृत्व गतिरोध है, जिसका समाधान 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले करना कांग्रेस के लिए अत्यंत आवश्यक है।