दुनिया के सबसे भरोसेमंद मल्टीरोल फाइटर जेट में शामिल राफेल का अब नया और बेहद एडवांस वर्जन आने वाला है। फ्रांस ने इस अपग्रेडेड वर्जन को “सुपर राफेल” नाम दिया है, जो राफेल सीरीज का F5 वर्जन होगा। इस नए वर्जन का मकसद राफेल को 2040 तक आधुनिक युद्ध की जरूरतों के मुताबिक पूरी तरह सक्षम बनाना है, खासतौर पर स्टील्थ विमानों और नेटवर्क-सेंट्रिक वॉरफेयर के दौर में। फ्रांस खुद इस सीरीज के करीब 42 सुपर राफेल फाइटर जेट खरीदने की योजना बना रहा है।
1980 के दशक से अब तक राफेल का सफर
राफेल फाइटर जेट की शुरुआत 1980 के दशक में हुई थी। इसे फ्रांस की कंपनी डसॉल्ट एविएशन ने विकसित किया था। शुरुआत से ही राफेल को एक मल्टीरोल फाइटर जेट के तौर पर डिजाइन किया गया, जो हवा से हवा, हवा से जमीन और समुद्री हमलों में समान रूप से सक्षम हो। अब तक राफेल के चार वर्जन (F1, F2, F3 और F4) सामने आ चुके हैं और अब F5 यानी सुपर राफेल इस सीरीज का सबसे एडवांस रूप होगा।
राफेल F5 की खासियतें
डिफेंस एनालिसिस वेबसाइट 19FortyFive के मुताबिक, राफेल F5 केवल एक साधारण अपग्रेड नहीं बल्कि इसे पूरी तरह नेक्स्ट-जेनरेशन कॉम्बैट प्लेटफॉर्म के रूप में तैयार किया जा रहा है। इसकी सबसे बड़ी खासियत होगी लॉयल विंगमैन ड्रोन को कंट्रोल करने की क्षमता। यानी सुपर राफेल अपने साथ उड़ने वाले ड्रोन को कमांड कर सकेगा। ये ड्रोन इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर, रिकॉन स्काउटिंग, SEAD, डिकॉय सिस्टम और स्टैंड-ऑफ स्ट्राइक जैसे मिशनों में इस्तेमाल किए जाएंगे। इससे पायलट की जोखिम कम होगी और मिशन की सफलता की संभावना बढ़ेगी।
इसके अलावा, सुपर राफेल के सेंसर सूट को पूरी तरह ओवरहॉल किया जाएगा। इसके रडार को RBE2 AESA के और एडवांस वर्जन में अपग्रेड किया जा रहा है, जिससे लंबी रेंज, ज्यादा बैंडविड्थ और बेहतर टारगेट ट्रैकिंग संभव होगी। डेटा फ्यूजन क्षमता को भी काफी मजबूत किया जाएगा, जिससे अलग-अलग सेंसर से मिलने वाली जानकारी को एक साथ प्रोसेस किया जा सके।
इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर और जैमर में बड़ा अपग्रेड
सुपर राफेल में इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम को भी नए स्तर पर ले जाया जाएगा। इसमें पावरफुल जैमर, हाई-फ्रीक्वेंसी कवरेज और एडवांस जियोलोकेशन सिस्टम जोड़े जाएंगे। इसका मतलब यह है कि यह विमान दुश्मन के रडार और मिसाइल सिस्टम को जाम करने में ज्यादा प्रभावी होगा।
सुपर राफेल में जोड़े जा रहे नए हथियार
हथियारों के मामले में भी सुपर राफेल को बेहद खतरनाक बनाया जा रहा है। इसमें हवा से लॉन्च होने वाली ASN4G हाइपरसोनिक परमाणु मिसाइल को शामिल किया जाएगा। इसके अलावा MICA NG (नई पीढ़ी की छोटी और लंबी दूरी की मिसाइल) और MBDA A2A एयर-टू-एयर मिसाइल भी इसकी ताकत बढ़ाएंगी। दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह करने के लिए इसमें खास हथियार शामिल होंगे। इसकी टॉप स्पीड मैक 1.8 होगी और इसमें ज्यादा ताकतवर M88-4E इंजन लगाया जाएगा। सुपर राफेल करीब 1600 किलोमीटर की दूरी तक हमला करने में सक्षम होगा और लगभग 9.5 टन हथियार ले जा सकेगा। इन्हीं खूबियों की वजह से इसकी तुलना अमेरिका के F-22 और F-35 जैसे स्टील्थ फाइटर जेट्स से की जा रही है।
क्या भारत खरीदेगा सुपर राफेल?
भारत पहले से ही फ्रांस के राफेल फाइटर जेट का इस्तेमाल कर रहा है और भारतीय वायुसेना के लिए यह एक अहम प्लेटफॉर्म बन चुका है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत 90 राफेल F4 खरीदने की योजना बना रहा है। इसके साथ ही भारत के पास 24 राफेल F5 (सुपर राफेल) खरीदने का विकल्प भी बताया गया है, हालांकि इस जानकारी को बाद में पब्लिक डोमेन से हटा लिया गया। अगर भारत भविष्य में सुपर राफेल खरीदता है, तो यह भारतीय वायुसेना की ताकत को नई ऊंचाई पर ले जा सकता है, खासतौर पर चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसियों के संदर्भ में। कुल मिलाकर, सुपर राफेल आने वाले दशकों में आधुनिक हवाई युद्ध की तस्वीर बदलने वाला फाइटर जेट साबित हो सकता है।