पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थक और परिवार के सदस्य एक बार फिर पुलिसिया बर्बरता के शिकार हुए हैं। आदियाला जेल, जहां इमरान खान बंद हैं, उसके बाहर उनसे मिलने पहुंची उनकी बहनों और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ दुर्व्यवहार और अत्याचार की खबरें सामने आई हैं, जिसने देश के आंतरिक राजनीतिक माहौल में तनाव बढ़ा दिया है।
मुलाकात के लिए पहुंची बहनों के साथ बदसलूकी
इमरान खान के जेल में बंद होने के बाद से ही उनके साथ हो रहे व्यवहार को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता व्यक्त की गई है। हालिया घटनाक्रम में, उनकी बहनों, जिनमें नौरीन या अलीमा भी शामिल हो सकती हैं, के साथ आई अन्य महिला समर्थकों पर भी पुलिसिया बल प्रयोग का आरोप है।
तहरीक-ए-इंसाफ कार्यकर्ताओं पर अत्याचार
इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ पाकिस्तान (PTI) की महिला कार्यकर्ता भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल थीं। जेल प्रशासन के इशारे पर यहां तैनात पंजाब पुलिस पर आरोप है कि उन्होंने प्रदर्शनकारियों के साथ अमानवीय व्यवहार किया।
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महिला कार्यकर्ताओं के बयान: एक महिला कार्यकर्ता ने रोते हुए बताया कि उन्हें अपराधियों जैसा ट्रीट किया जा रहा है। उसने आरोप लगाया कि एक पुलिसकर्मी ने उसे पकड़ा और दूसरे ने मारा। इतना ही नहीं, उनके दुपट्टे भी खींच लिए गए। एक अन्य महिला ने बताया कि पुलिसिया कार्रवाई में उसके सिर को नंगा कर दिया गया और वह उसी स्थिति में भागती रही। ये घटनाएँ पाकिस्तानी इतिहास में 'काला अध्याय' साबित हो सकती हैं, जहां राजनीतिक विरोध को कुचलने के लिए महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुंचाई गई।
केमिकल युक्त पानी के इस्तेमाल का आरोप
जब पुलिस की कार्रवाई से प्रदर्शनकारियों की भीड़ नहीं टूटी, तो उन पर अत्याचार की हद पार करने का आरोप लगा है। आमतौर पर भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पानी का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि उन पर केमिकल युक्त पानी छोड़ा गया।
सैन्य नेतृत्व पर उंगली
पाकिस्तान के राजनीतिक गलियारों में यह माना जाता है कि इमरान खान को जेल भेजने से लेकर उनके समर्थकों पर हो रहे अत्याचार तक, देश में सेना प्रमुख (Chief of Defence Forces) की मर्जी चल रही है। सत्ता प्रतिष्ठान पर आरोप है कि उनके इशारे पर न सिर्फ इमरान के आसपास किसी को फटकने नहीं दिया जा रहा है, बल्कि उनके समर्थकों पर भी अत्याचार हो रहा है, क्योंकि जेल प्रशासन भी कथित तौर पर सैन्य नेतृत्व के अधीन काम कर रहा है।
अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने पाकिस्तान सरकार से अपील की है कि वह राजनीतिक कैदियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार सुनिश्चित करे और नागरिकों को शांतिपूर्ण विरोध का अधिकार दे।