पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में ₹13,000 करोड़ के कथित घोटाले के मुख्य आरोपी, भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को बेल्जियम में एक बड़ा झटका लगा है. बेल्जियम के सुप्रीम कोर्ट कोर्ट ऑफ कैसेशन (Court of Cassation) ने मंगलवार को मेहुल चोकसी की उस अपील को खारिज कर दिया, जिसमें उसने भारत में अपने प्रत्यर्पण को चुनौती दी थी. इस फैसले के बाद चोकसी के भारत आने का रास्ता लगभग साफ हो गया है.
अपीली अदालत का फैसला कायम
कोर्ट ऑफ कैसेशन के प्रवक्ता, एडवोकेट-जनरल हेनरी वेंडरलिंडेन ने इस फैसले की पुष्टि करते हुए कहा, "कोर्ट ने अपील को खारिज कर दिया." उन्होंने स्पष्ट किया कि इस निर्णय के साथ ही एंटवर्प की अपीली अदालत का फैसला कायम रहेगा.
एंटवर्प की अपीली अदालत ने पहले ही चोकसी के प्रत्यर्पण के भारत के अनुरोध को लागू-योग्य बताते हुए बरकरार रखा था. कोर्ट ऑफ कैसेशन का यह अंतिम फैसला, अब बेल्जियम में चोकसी की कानूनी लड़ाई के अंत का संकेत देता है.
जिला अदालत के आदेशों में नहीं मिली खामी
एंटवर्प में अपीली अदालत के चार सदस्यीय अभियोग कक्ष ने 29 नवंबर, 2024 को जिला अदालत के प्री-ट्रायल चैंबर द्वारा जारी आदेशों में कोई खामी नहीं पाई थी.
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जिला अदालत का फैसला: जिला अदालत ने मई 2018 और जून 2021 में मुंबई की विशेष अदालत द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट को लागू-योग्य बताया था.
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प्रत्यर्पण की अनुमति: जिला अदालत ने मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण की अनुमति दी थी, जिसे चोकसी ने अपीली अदालत में चुनौती दी थी, लेकिन वहां भी वह हार गया.
अपीली अदालत ने अपने विस्तृत फैसले में यह भी स्पष्ट किया था कि मेहुल चोकसी को भारत प्रत्यर्पित किए जाने पर निष्पक्ष सुनवाई से वंचित किए जाने या किसी प्रकार के दुर्व्यवहार का कोई जोखिम नहीं है. इस बात ने चोकसी के बचाव पक्ष के तर्कों को कमजोर कर दिया था.
बेल्जियम को कब भेजा गया था अनुरोध?
जनवरी 2018 में भारत से भागकर एंटीगुआ और बारबुडा चले गए मेहुल चोकसी को बेल्जियम में देखे जाने की खबर आई थी. वह कथित तौर पर वहां इलाज करवा रहा था.
इसके बाद, भारत सरकार ने 27 अगस्त, 2024 को मुंबई की विशेष अदालत द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट के आधार पर बेल्जियम को प्रत्यर्पण अनुरोध भेजा था.