भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच जारी टी20 सीरीज अब अपने अंतिम पड़ाव पर है। शुक्रवार, 19 दिसंबर को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में सीरीज का पांचवां और आखिरी मुकाबला खेला जाएगा। हालांकि भारतीय टीम सीरीज में 2-1 से आगे है और सीरीज हारने का खतरा टल चुका है, लेकिन यह मैच एक खिलाड़ी के करियर के लिए निर्णायक साबित हो सकता है—और वो नाम है संजू सैमसन।
गिल की चोट और सैमसन की वापसी
अहमदाबाद में सैमसन का प्लेइंग इलेवन में शामिल होना लगभग तय माना जा रहा है। इसका मुख्य कारण टीम के उप-कप्तान शुभमन गिल की चोट है। गिल को चौथे मैच से पहले अभ्यास सत्र के दौरान पैर में चोट लगी थी, जिसके कारण वह पिछला (रद्द हुआ) मैच नहीं खेल पाए थे। ताजा रिपोर्ट्स के अनुसार, गिल आखिरी मैच तक फिट नहीं हो सके हैं। ऐसे में ओपनिंग स्लॉट खाली है और संजू सैमसन को अभिषेक शर्मा के साथ पारी की शुरुआत करने का सुनहरा मौका मिलेगा।
आखिरी मौका क्यों? विडंबना और हकीकत
यह सुनकर किसी को भी हैरानी हो सकती है कि जिस खिलाड़ी ने हाल के समय में तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय शतक जड़े हैं, उसके लिए एक मैच 'आखिरी मौका' कैसे हो सकता है? विशेषकर तब, जब शुभमन गिल पिछले 12-15 मैचों से लगातार फ्लॉप हो रहे हैं। लेकिन भारतीय क्रिकेट का मौजूदा ढांचा और भविष्य का कैलेंडर सैमसन के लिए राह कठिन बना रहा है।
इसकी मुख्य वजहें निम्नलिखित हैं:
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व्यस्त शेड्यूल और वर्ल्ड कप: इस सीरीज के बाद भारत को जनवरी में न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज खेलनी है और उसके बाद सीधा टी20 वर्ल्ड कप 2026 का मिशन शुरू हो जाएगा।
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मैनेजमेंट का भरोसा: टीम मैनेजमेंट शुभमन गिल को तीनों फॉर्मेट के खिलाड़ी के रूप में देख रहा है। साल 2025 में गिल ने 15 टी20 मैचों में मात्र 291 रन बनाए हैं, फिर भी उन्हें लगातार बैक किया जा रहा है।
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प्रतिस्पर्धा: यदि सैमसन इस मैच में विफल रहते हैं, तो न्यूजीलैंड सीरीज में गिल की वापसी के साथ ही सैमसन को फिर से बेंच पर बैठना पड़ सकता है। चयनकर्ता और कप्तान सूर्य कुमार यादव वर्ल्ड कप से पहले एक सेट ओपनिंग जोड़ी चाहते हैं।
सैमसन बनाम गिल: आंकड़ों का खेल
संजू सैमसन के साथ अक्सर यह 'अन्याय' की बहस जुड़ती रही है। जहां एक तरफ गिल को खराब फॉर्म के बावजूद मौके मिल रहे हैं, वहीं सैमसन को हर मैच में खुद को नए सिरे से साबित करना पड़ता है।
| खिलाड़ी |
स्थिति |
चुनौती |
| शुभमन गिल |
निरंतर मौके |
खराब फॉर्म से उबरना और स्ट्राइक रेट सुधारना। |
| संजू सैमसन |
अनिश्चित मौके |
हर पारी में बड़ा स्कोर करना ताकि चयनकर्ताओं को मजबूर कर सकें। |
निष्कर्ष: अहमदाबाद में अग्निपरीक्षा
संजू सैमसन के पास वह काबिलियत है कि वह अकेले दम पर मैच पलट सकें। अहमदाबाद की पिच बल्लेबाजी के लिए अनुकूल मानी जाती है, जहाँ गेंद बल्ले पर अच्छी तरह आती है। सैमसन के लिए यह केवल एक मैच नहीं, बल्कि अपनी जगह को सीमेंट करने की लड़ाई है। अगर वह यहाँ एक बड़ी पारी खेलते हैं, तो मैनेजमेंट के लिए उन्हें न्यूजीलैंड सीरीज या वर्ल्ड कप टीम से बाहर करना नामुमकिन हो जाएगा।
अहमदाबाद का यह महामुकाबला तय करेगा कि क्या संजू सैमसन भारतीय टी20 टीम के स्थायी स्तंभ बनेंगे या एक बार फिर उन्हें अपनी बारी का लंबा इंतजार करना होगा।