भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे 5 मैचों की टेस्ट सीरीज का तीसरा मुकाबला इस वक्त लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर खेला जा रहा है। सीरीज फिलहाल बेहद रोमांचक मोड़ पर है, और लॉर्ड्स टेस्ट के पहले दिन का खेल भी कमाल का रहा। भारत और इंग्लैंड—दोनों ही टीमों ने दमदार प्रदर्शन किया, लेकिन जो रूट की बल्लेबाजी ने सभी की नजरें खींच लीं।
पहले दिन का खेल खत्म होने तक जो रूट 99 रन पर नाबाद हैं, और जब वह दूसरे दिन क्रीज़ पर उतरेंगे, तो सिर्फ एक रन बनाकर इतिहास रच सकते हैं। उन्हें बस एक रन की दरकार है ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज स्टीव स्मिथ को टेस्ट क्रिकेट में शतकों के मामले में पीछे छोड़ने के लिए।
क्लासिक अंदाज में लौटे जो रूट
बैजबॉल के नाम से मशहूर इंग्लैंड की आक्रामक क्रिकेट रणनीति के विपरीत, जो रूट ने अपनी पारंपरिक तकनीकी बल्लेबाज़ी का परिचय दिया। उन्होंने 191 गेंदों पर 99 रन की पारी खेली, जिसमें उन्होंने धैर्य और परिपक्वता के साथ हर गेंद का सामना किया। रूट के इस संयमित और सधा हुआ खेल ने इंग्लैंड को एक समय संकट से निकालकर स्थिरता प्रदान की।
जब अन्य बल्लेबाज़ भारतीय गेंदबाजों के सामने टिक नहीं पाए, तब जो रूट और बेन स्टोक्स की जोड़ी ने इंग्लैंड की पारी को संभाला और पहले दिन का खेल इंग्लैंड के पक्ष में समेटने में बड़ी भूमिका निभाई।
सिर्फ एक रन और रच जाएगा इतिहास
जो रूट जैसे ही 100 रन पूरे करेंगे, यह उनका 37वां टेस्ट शतक होगा। इस तरह वह स्टीव स्मिथ (36 शतक) को पीछे छोड़ देंगे और टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले बल्लेबाजों की सूची में आगे निकल जाएंगे।
यह उपलब्धि सिर्फ आंकड़ों की बात नहीं है, बल्कि रूट की लगातार कड़ी मेहनत और मानसिक मजबूती का प्रतीक है। स्टीव स्मिथ को पीछे छोड़ना आसान नहीं, लेकिन रूट ने यह साबित कर दिया है कि वो फैब 4 का सबसे स्थिर और तकनीकी रूप से सक्षम बल्लेबाज हैं।
लॉर्ड्स में रूट का राज
लॉर्ड्स का मैदान जो रूट के लिए किसी घरेलू गढ़ की तरह है। इस ऐतिहासिक मैदान पर उनका रिकॉर्ड शानदार रहा है। अब तक जो रूट ने 22 टेस्ट मैचों में यहां 2022 रन बनाए हैं, जिसमें उनका औसत 54.64 रहा है। इस दौरान उन्होंने 7 शतक और 7 अर्धशतक लगाए हैं।
ऐसा प्रदर्शन किसी भी खिलाड़ी को "लॉर्ड्स का लार्ड" बना देता है, और रूट ने इस उपाधि को सही मायनों में सिद्ध कर दिखाया है। जब भी टीम को जरूरत पड़ी, रूट ने अपने अनुभव और क्लास से मोर्चा संभाला है।
भारत के गेंदबाजों ने दिखाया दम, लेकिन रूट अडिग
भारतीय गेंदबाजों ने लॉर्ड्स के पहले दिन शुरुआत में शानदार प्रदर्शन किया। जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज और रवींद्र जडेजा ने इंग्लिश टॉप ऑर्डर को झकझोर कर रख दिया। लेकिन इसके बाद जो रूट और कप्तान बेन स्टोक्स ने मिलकर भारतीय गेंदबाजों की लय तोड़ी और रन गति को नियंत्रण में रखा।
जो रूट ने विशेष रूप से स्पिन और सीम दोनों के खिलाफ बेहतरीन फुटवर्क और टेम्परामेंट दिखाया। उनका अनुभव और क्रीज पर टिकाव इंग्लैंड के लिए संजीवनी की तरह रहा।
क्या दूसरा दिन रचेगा इतिहास?
दूसरे दिन के पहले सत्र में सभी की निगाहें सिर्फ और सिर्फ जो रूट पर टिकी होंगी। क्या वह उस एक रन को बना पाएंगे जो उन्हें एक नई उपलब्धि की ओर ले जाएगा? क्या लॉर्ड्स की यह पारी उनके करियर की सबसे यादगार पारियों में शामिल होगी?
यदि रूट शतक पूरा करते हैं, तो यह टेस्ट करियर का 37वां शतक होगा, जो उन्हें एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा और इंग्लैंड को एक मजबूत स्थिति में पहुंचाएगा।
निष्कर्ष: क्लास, कंट्रोल और कंसिस्टेंसी का नाम – जो रूट
लॉर्ड्स टेस्ट का पहला दिन भले ही भारत और इंग्लैंड दोनों के लिए मिश्रित रहा हो, लेकिन यह दिन पूरी तरह से जो रूट के नाम रहा। उनके बल्ले की चमक ने लॉर्ड्स की ऐतिहासिक दीवारों को फिर एक बार गूंजा दिया।
जहां एक तरफ भारतीय गेंदबाजों की रणनीति और प्रदर्शन काबिल-ए-तारीफ रही, वहीं दूसरी ओर जो रूट की गंभीरता, एकाग्रता और अनुभव ने उन्हें एक क्लास बल्लेबाज के रूप में फिर से स्थापित कर दिया है।
अब सभी की निगाहें दूसरे दिन पर हैं — क्या रूट इतिहास रचेंगे?
या भारत उन्हें रोक पाएगा?
लॉर्ड्स की पिच पर क्रिकेट का रोमांच चरम पर है।