दिल्ली के लाल किले के पास हुए ब्लास्ट मामले की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) द्वारा तेज़ी से जारी है। इसी सिलसिले में सोमवार, 8 दिसंबर को, पटियाला हाउस कोर्ट ने गिरफ्तार किए गए चार प्रमुख आरोपियों की NIA कस्टडी चार दिन के लिए और बढ़ा दी है।
प्रिंसिपल जिला एवं सत्र न्यायाधीश जज अंजू बजाज चांदना की कोर्ट ने यह आदेश दिया है। जिन चार आरोपियों की रिमांड बढ़ाई गई है, उनमें डॉ. मुजम्मिल, डॉ. शाहीन सईद, मुफ्ती इरफान अहमद और आदिल अहमद शामिल हैं। 10 दिन की पिछली कस्टडी पूरी होने के बाद इन सभी को सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया था। कस्टडी बढ़ाए जाने के बाद, NIA की टीम उन्हें आगे की पूछताछ और जांच के लिए अपने साथ ले गई।
बड़ी साजिश का पर्दाफाश करने पर फोकस
NIA के मुताबिक, ये चारों आरोपी (मुजम्मिल, शाहीन, इरफान और आदिल), डॉक्टर उमर नबी और अन्य लोगों के साथ मिलकर एक बड़ी और खतरनाक साजिश रच रहे थे। जांच एजेंसी का मानना है कि इस पूरे मॉड्यूल को समझने और इसके नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए अतिरिक्त पूछताछ ज़रूरी है। NIA के अनुसार, ब्लास्ट को अंजाम देने वाला व्यक्ति डॉक्टर उमर नबी ही था, जिसने लाल किले के सामने कार में विस्फोट किया था।
न्यायालय में पेशी से पहले, पटियाला हाउस कोर्ट परिसर और उसके आसपास सुरक्षा व्यवस्था को अत्यधिक कड़ा कर दिया गया था, जो मामले की संवेदनशीलता को दर्शाता है।
अन्य गिरफ्तारियां और नेटवर्क की जांच
NIA ने इस मामले में पहले भी कई महत्वपूर्ण गिरफ्तारियां की हैं:
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शोएब: 5 दिसंबर को कोर्ट ने शोएब की NIA कस्टडी 10 दिन के लिए बढ़ाई थी। एजेंसी का आरोप है कि शोएब ने धमाके से ठीक पहले मुख्य आतंकवादी उमर नबी को पनाह दी थी और उसे लॉजिस्टिक सपोर्ट (रसद सहायता) प्रदान किया था। एजेंसी का मानना है कि शोएब की भूमिका साजिश के महत्वपूर्ण हिस्सों को समझने में निर्णायक है।
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आमिर रशीद अली: इस केस के मुख्य आरोपियों में से एक आमिर रशीद अली की कस्टडी भी 2 दिसंबर को 7 दिन और बढ़ाई गई थी। आमिर को 16 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। जांच में यह सामने आया कि विस्फोट में इस्तेमाल की गई कार का मालिक खुद आमिर था। एजेंसी के अनुसार, उसने आत्मघाती हमलावर के साथ न केवल साजिश रची, बल्कि हमले की तैयारियों में भी सक्रिय भूमिका निभाई।
व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल
यह जांच एक व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल से जुड़ी हुई है, जिसके संबंध में अब तक सात गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। NIA इस पूरे नेटवर्क को तोड़ने और इससे जुड़े हर सदस्य की पहचान कर उसे गिरफ्तार करने के लिए लगातार कई राज्यों में छापेमारी कर रही है।
गौरतलब है कि यह घातक ब्लास्ट 10 नवंबर को हुआ था। विस्फोटकों से भरी I20 कार में हुए इस धमाके को डॉ. उमर-उन-नबी चला रहा था, जिसमें करीब 15 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। जांचकर्ता सभी संभावित सुरागों को इकट्ठा कर रहे हैं ताकि यह समझा जा सके कि हमला कैसे प्लान किया गया और इसके पीछे किन-किन लोगों की भूमिका रही।